ग्वालियर
आंगनबाड़ियां अब सिर्फ सुपोषण केंद्र तक ही सीमित नहीं रहेंगी। उन्हें बुनियादी शिक्षा केंद्र (प्ले स्कूल) के रूप में भी विकसित किया जाएगा। जहां पोषण आहार के साथ बच्चों को खेल-खेल में नैतिक शिक्षा दी जाएगी ताकि उनका मानसिक विकास भी हो। यह तैयारी देश की नई शिक्षा नीति के तहत की जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच राज्यों के पांच जिलों की चुनिंदा आंगनबाड़ियां शामिल की गई हैं। इसका जिम्मा सरकार ने पिरामल फाउंडेशन को सौंपा है।

फाउंडेशन के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर के मुताबिक कोरोना महामारी के 10 माह बाद जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र खुलने जा रहे हैं। प्रोजेक्ट के तहत विदिशा और नटेरन ब्लाक के 50-50 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इनमें लगभग 3500 बच्चे दर्ज हैं। इन केंद्रों पर 50 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 50 सहायिकाओं को प्रशिक्षित किया गया है। कार्यकतार्ओं द्वारा अलग-अलग तरीकों से बच्चों को पढ़ाया जाएगा और उनमें मानसिक क्षमता का विकास किया जाएगा।

Source : Agency